Description
पहेलियाँ जूझने और पूछने का अपना ही आनन्द है। पुराने जमाने में बच्चों को पहेलियों के माध्यम से अलग-अलग वस्तुओं की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी जाती थी और बच्चे खेल-खेल में यह जान भी नहीं पाते थे कि वे खेल-खेल में ज्ञान पा रहे हैं। सभी की बाल्यावस्था में उनसे उनकी दादी, नानी आदि द्वारा पहेलियाँ पूछी गई हैं।
आजकल ज्ञान और मनोरंजन के लिए अनेक साधन हैं जैसे टी.वी., रेडियो, कम्प्यूटर आदि पर पिफर भी पहेलियों का अपना अस्तित्व है, अपनी पहचान है और अपना ही मजा है । पहेलियों के इस विस्तृत भण्डार में मनोरंजन के लिए बहुत कुछ है। जानकारियाँ पाने और ज्ञानवर्द्धन के लिए इस पुस्तक में अनेकों पहेलियों को समाहित किया गया है। आशा है बेहद पसन्द आएगी।
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