Description
वृद्धि के पथ पर अग्रसर: एक समृद्ध रिश्ता सृजन की ओर
भारतीय समाज में नारी की भूमिका एक महत्वपूर्ण स्थान धारण करती है। वह परिवार के सभी सदस्यों के साथ उचित समंवय बनाए रखने और परिवार की सभी समस्याओं का समाधान करने में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाती है। जो इस जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक संपादित करती है, उसे भाग्यशाली माना जाता है। वही वास्तविकता में घर की रानी होती है।
आधुनिक जीवन की तेज़ रफ़्तार में, संबंध भी पेचीदा हो गए हैं। विभिन्न स्वार्थ, ईर्ष्या, द्वेष, आगे बढ़ने की तक्रार या नीचा दिखाने की प्रवृत्तियां – इस भवरजाल से निकलना ही पड़ता है। इस सभी के बीच, रिश्तों को सफलतापूर्वक निर्वाह करने वाली नारी ही वास्तविकता में इस युग में सफल मानी जाएगी। यदि रिश्ते मजबूत रहें, उनमें निरंतरता बनी रहे और वे सुख और समृद्धि को बनाए रखने में सहायता करें, तो समझिए कि नारी ने अपने जीवन की शक्तिशाली दुर्ग को जीत लिया है।
यह पुस्तक वास्तव में पति-पत्नी के रिश्ते की सफल निर्वाह के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाती है और बताती है कि पत्नी को अपने सम्बन्धों की मर्यादा को कैसे बनाए रखना चाहिए।
Reviews
There are no reviews yet.